राज्य सरकार द्वारा अक्टूबर 2024 में शुरू की गई अनूठी “जल शक्ति अभियान: कैच द रेन” योजना
वर्षा जल संचयन का परिचय
वर्षा जल संचयन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बारिश के पानी को इकट्ठा करके संरक्षित किया जाता है ताकि उसका बाद में उपयोग किया जा सके। इसके तहत छतों, सड़कों और खुले क्षेत्रों से बहने वाले पानी को इकट्ठा करके भूमिगत टैंकों या तालाबों में संग्रहित किया जाता है।
वर्षा जल संचयन की लागत
वर्षा जल संचयन प्रणाली की लागत इसके आकार और जटिलता पर निर्भर करती है। एक छोटे घर के लिए यह 5,000-10,000 रुपये तक हो सकती है, जबकि बड़े भवनों के लिए यह लाखों रुपये तक जा सकती है। हालांकि लंबे समय में यह निवेश पानी के बिलों में बचत के रूप में वसूल हो जाता है।
वर्षा जल संचयन का प्रभाव और महत्व
वर्षा जल संचयन से कई फायदे होते हैं:
- भूजल स्तर में वृद्धि होती है
- पानी की कमी से निपटने में मदद मिलती है
- सूखे की स्थिति में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होती है
- पानी की बर्बादी कम होती है
- मिट्टी का कटाव रुकता है
- बाढ़ नियंत्रण में सहायक है
वर्षा जल संचयन की आवश्यकता
बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण के कारण पानी की मांग लगातार बढ़ रही है। वर्षा जल संचयन इस समस्या का एक प्रभावी समाधान है क्योंकि:
- यह स्थानीय स्तर पर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करता है
- पानी के बिलों में कमी लाता है
- पर्यावरण संरक्षण में मदद करता है
- भविष्य की पीढ़ियों के लिए जल संसाधनों को संरक्षित करता है
सरकार द्वारा जारी नए नियम और दिशानिर्देश
छत्तीसगढ़ सरकार ने अक्टूबर 2024 में वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
- सभी सरकारी भवनों, स्कूलों और अस्पतालों में वर्षा जल संचयन प्रणाली अनिवार्य की गई है
- नए निर्माण के लिए वर्षा जल संचयन की अनुमति आवश्यक है
- वर्षा जल संचयन करने वाले घरों को कर में छूट दी जा रही है
- ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों और कुओं के पुनरुद्धार पर जोर दिया जा रहा है
- जनजागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं
अधिक जानकारी के लिए देखें रायपुर नगर निगम की वेबसाइट https://nagarnigamraipur.nic.in/en/rainwater-harvesting